Monday, November 28, 2011

Fear supresses love

न आज तू मुझसे डर इतना
इतना की यह दुनिया प्यार को भूल जाए


देखे जो मुझे, पूछे जो मुझे ज़माना
ज़माना भी यह सुनके मुझसे रूठ जाए


कैसे कोई कहे शब्द-ए-इकरार
इकरार तोह डर में कहीं खो जाए


आँखों में भरा रहे सिर्फ डर
डर यह के मेरा दिल कहीं न टूट जाए


मेरा मन है जैसे एक नादान बच्चा
बच्चा जो पल भर भी प्यार को अगर तरस जाए


पलकें उसकी न रोक पाएंगी वोह बूँदें
बूँदें जिनमें इंतज़ार बरस जाए


भुला दे हर वोह बात जिसमें
जिसमें डर तुझे समा जाए


डर हो तोह सिर्फ खुदा से हो
हो अगर मुझसे तोह वोह प्यार में बदल जाए!!